छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों की लेटलतीफी पर रोक लगाने की तैयारी पूरी कर ली है। आज से मंत्रालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (Biometric Attendance System) औपचारिक रूप से लागू हो गई है। नई व्यवस्था के तहत सभी कर्मचारियों को दिन में दो बार—एक बार कार्यालय में प्रवेश करते समय और एक बार बाहर निकलते समय अपनी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य होगा। इससे देर से आने और समय से पहले ऑफिस छोड़ने की प्रवृत्ति पर प्रभावी नियंत्रण होगा।
मंत्रालय में बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू
सरकार का कहना है कि यह कदम प्रशासनिक कार्यप्रणाली में समय की पाबंदी और जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा सुधार है। आज से मंत्रालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह नियम पूरी तरह लागू हो गया है।
इसके साथ ही 1 जनवरी से संचालनालयों में भी बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दी जाएगी।
मोबाइल ऐप और फेसियल ऑथेंटिकेशन की सुविधा
उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए मोबाइल ऐप आधारित फेसियल ऑथेंटिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। कर्मचारी अपने स्मार्टफोन से ही ‘इन’ और ‘आउट’ एंट्री कर सकेंगे। वहीं अधिकारियों के लिए आधार-सक्षम थंब-बेस्ड बायोमेट्रिक डिवाइस का विकल्प रखा गया है, जिससे उनकी पहचान सीधे सर्वर पर रिकॉर्ड होगी।
20 नवंबर से चल रहा था ट्रायल रन
बताया गया है कि इस प्रणाली का ट्रायल रन 20 नवंबर से चल रहा था। इस दौरान तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं की जांच की गई। सफल परीक्षण के बाद अब इसे मंत्रालय स्तर पर अनिवार्य रूप से लागू किया गया है।